Saturday, May 11, 2013

Maa mother Aai Amma mom


कदम रुक गये जब मैं पहुँचा बाज़ार में;
बिक रहे थे रिश्ते खुलेआम व्यापार में;
मैने पूछा "क्या भाव है रिश्तों का?"
दुकानदार बोला-"कौनसा चाहिएबेटा या बाप?"
बहन या भाईइंसानियत का दूं या प्यार का?
दोस्ती का या विश्वास काबाबूजी क्या चाहिए,
बोलो तो सहीसब चीज़ बिकाऊ है यहाँ,
आप चुपचाप क्यूँ खड़े हों मुँह खोलो तो सही,
मैने जब उससे पूछा "माँ के रिश्ते का क्या भाव है?"
तो दुकानदार तुरंत नम होती आँखों से बोला -
"संसार इसी रिश्ते पर तो टिका है बाबू,
माफ़ करना,
ये रिश्ता बिकाऊ नहीं हैइसका कोई मोल नहीं लगा पाएगा;
ये रिश्ता भी बिक गया तो फिर ये संसार भी उजड़ जाएगा "

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