दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज़ का चित्र बनाना चाहता है एक चित्रकार. सबसे पहले एक पंडित से पूछता है कि सबसे सुंदर कौन सी चीज़ है. पंडित ने कहा ‘विश्वास’, वह तुम्हें हर पूजा स्थल पर मिलेगा.!!
एक नयी नवेली दुल्हन ने कहा “प्रेम”. यह ग़रीबी में भी अमीरी का एहसास कराती है (सर्दी में गर्मी का भी !), आँसुओं को मीठा बनाती है, थोड़े को भी ज़्यादा बना देती है, इसके बगैर तो कोई सौंदर्य है ही नहीं.!!
एक सिपाही ने कहा ‘सौंदर्य’ तो ‘शांति’ में ही है. युद्ध तो विकृति है. इसलिए जहाँ शांति है वहीं सौंदर्य भी है.!!
विश्वास, प्रेम और शांति, इन्हें मैं कैसे चित्रित करूँ, असमंजस में पड़ जाता है चित्रकार.!!
अपने घर जाता है. अपने बच्चों की आँखों में उसे विश्वास दिखता है, पत्नी की आँखों में प्रेम और अपने ही घर में प्रेम और विश्वास द्वारा बनी शांति को महसूस करता है !!
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